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टीबी उन्मूलन में मीडिया की भूमिका
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संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार सभी देशों ने वर्ष 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसे पूरा करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु यह आवश्यक है कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित की जाए, जन-भागीदारी को सुनिश्चित करने हेतु मीडिया की एक प्रमुख भूमिका है, इस तारतम्य मे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्य प्रदेश के द्वारा 2025 तक टीबी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मीडिया को इस जन आंदोलन में शामिल करने हेतु दिनांक 10 मार्च 2023 को “मीडिया सहभागिता” सत्र का आयोजन किया,
कार्यक्रम मे माननीय राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल और मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के वीडियो संदेश शामिल थे, कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ.प्रभुराम चौधरी, माननीय मंत्री, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, मध्य प्रदेश द्वारा की गई । कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ प्रभुराम चौधरी जी के द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया तत्पश्चात सु-श्री प्रियंका दास एम डी एन एच एम के द्वारा माननीय मंत्री का स्वागत किया गया, कार्यक्रम मे डॉ वर्षा राय राज्य क्षय अधिकारी ने सु-श्री प्रियंका दास एम डी एन एच एम एवं डॉ सचदेवा का स्वागत कियाI
डॉ. प्रभुराम चौधरी, माननीय मंत्री, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, मध्य प्रदेश ने इस अवसर पर सभी को प्रोत्साहित करते हुए जन भागीदारी पर ज्यादा केंद्रित होकर टीबी को खत्म करने हेतु राज्य की प्रतिबद्धता को दोहराया i उन्होंने बताया कि यह आवश्यक है कि टी बी उन्मूलन हेतु समाज के सभी वर्गों को साथ मे आना होगा इसमे मीडिया भी अहम भूमिका निभा रहा है, वर्तमान मे प्रधानमंत्री जी के आव्हान पर प्रदेश के राज्यपाल मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री अन्य जन प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी, व्यक्तिगत, सामाजिक संगठन कॉर्पोरेट आदि प्रधान मंत्री टी बी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत टी बी रोगियों को नियमित पोषण आहार हेतु गोद लेकर मदद प्रदान कर रहे है,
इस हेतु प्रत्येक जिले मे टी बी रोगियों को फूड बास्केट का वितरण किया जा रहा है I इसके साथ ही साथ आज भी समाज मे टी बी रोगी के प्रति भेदभाव, भ्रांति है अतः मीडिया लोगों को टी बी के प्रति अधिक सवेदनशील बनाने, जानकारी का प्रचार प्रसार, प्रत्येक स्तर पर टी बी की जांच उपचार एवं अन्य सुविधाये जो टी बी रोगीओ को दी जा रही है उनका प्रचार प्रसार नियमित किया जाए I इसी प्रयास से मध्य प्रदेश टी बी मुक्त हो पाएगा I
सुश्री प्रियंका दास, मिशन निदेशक – एनएचएम, मध्य प्रदेश ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “”उन्होंने बताया कि कोविड के बाद स्वास्थ्य सुविधा मे बहुत से परिवर्तन आया है वर्तमान मे टी बी पर बहुत केंद्रित होकर कार्य किया जा रहा है, आज समस्त स्वास्थ्य इकाई के द्वारा टी बी उन्मूलन पर एक साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है, वर्तमान मे आज टी बी पर बहुत से रिसर्च किए जा रहे है ताकि इलाज की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा सके, आज मरीज के परिवार जन और उनके साथ संपर्क मे आए लोगों की जांच और उपचार की व्यवस्था की गई है I टी बी सिर्फ स्वास्थ्य नहीं बल्कि एक सामाजिक समस्या भी है आज सभी वर्गों को कार्यक्रम मे जोड़ा जा रहा है, जिसके तहत समस्त विभागों, कॉर्पोरेट एवं जनप्रतिनिधि का उन्मुखीकारण किया जा रहा है I प्रशिक्षण के माध्यम से सभी स्वास्थ्य कर्मी का क्षमता वर्धन किया जा रहा है I
डॉ. आर. पी. जोशी DDG Central TB Division के ने वर्चुअल संदेश दिया और टीबी उन्मूलन के लिए किए जा रहे प्रयासों को विस्तार मे सांझा किया। सुश्री प्रियंका दास, मिशन निदेशक – राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्य प्रदेश ने टीबी की रोकथाम और उन्मूलन के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सक्रिय मीडिया सहभागिता की आवश्यकता के बारे में बताया, उन्होंने मध्य प्रदेश के द्वारा जिस तरह से टी बी चैंपियन, आशा एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को शामिल कर कार्यक्रम कार्यक्रम को सभी स्तर पर सफलता पूर्ण क्रियान्वित किया जा रहा है I
द इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरकुलोसिस एंड लंग डिजीज के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. कुलदीप सिंह सचदेवा ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताई एवं उन्होंने कहा कि , ” कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य टीबी संबंधित संवाद को अधिक सुदृढ़ बनाने हेतु मीडिया सहभागिता सुनिश्चित करना साथ ही टीबी की रोकथाम, परीक्षण और उपचार के बारे में जागरूकता वाली खबरों, सफलता की कहानी एवं रिपोर्टों के माध्यम से टीबी संवाद को बेहतर बनाना, समाज को जागरूक करना एवं टी बी के संबंध समाज मे व्याप्त मिथक, भ्रांति, भेदभाव एवं कलंक को दूर करना I टी. बी. उन्मूलन हेतु यह आवश्यक है समाज के सभी वर्ग अपनी सहभागिता प्रदान करे, सभी अधिसूचित रोगियों को सभी सरकारी योजनाओ का लाभ प्राथमिकता पर प्राप्त हो और वो लोग समय पर इलाज प्राप्त करके शीघ्र स्वस्थ हो सके, मध्य प्रदेश ने अपनी सेवाओ विस्तार सभी स्तर पर किया है इसी कारण आज मध्य प्रदेश प्रदेश को टी बी फ्री राज्य बनने की दिशा मे अग्रसर है I
कार्यक्रम मे एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया जिसमे प्रदेश के चयनित टी. बी. चैंपियन (टी बी उपचार प्राप्त करके ठीक हुए लोग), आशा वर्कर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी ने प्रतिभाग किया, इस सत्र का उद्देश्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और टीबी से बचे लोगों पर ध्यान केंद्रित करना था जो तपेदिक के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर हैं, इस सत्र का संचालन राष्ट्रीय मीडिया की पूर्व वरिष्ठ स्वास्थ्य पत्रकार सुश्री आरती धर ने किया।
इसके बाद पत्र सूचना कार्यालय के अतिरिक्त महानिदेशक श्री प्रशांत पथराबे ने सुश्री आरती धर के साथ ‘टीबी पर बेहतर रिपोर्टिंग की सुविधा’ विषय पर एक संक्षिप्त सत्र को संबोधित किया ।
सत्र को संबोधित करते हुए राज्य और केंद्र के अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य मीडिया टीबी की रोकथाम, पहचान और उपचार पर समाचार के माध्यम से टीबी से संबंधित जागरूकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मीडिया टीबी से सबंधित व्याप्त भ्रांति, भेदभाव एवं कलंक को मिटाने एवं रोगी के इलाज प्राप्त करने की प्रक्रिया को सहज बनाने मे प्रमुख भूमिका निभाता है I मीडिया भारत सरकार के द्वारा टी बी उपचार एवं अन्य सहायता संबंधित योजना के सबंध मे सरकार की पहल का प्रचार प्रसार मे अहम भूमिका निभा रहा है। मीडिया टीबी का इलाज कराकर अभी स्वस्थ जीवन यापन कर रहे लोगों की सफलता की कहानियों को प्रकाशित करके शासन की योजना को जन जन तक पहुचा सकता है I इस तरह के प्रयासों से लोगों और नीति निर्माताओं के मध्य संवेदनशीलता की भावना पैदा करने में मदद मिलेगी, और अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा।
सत्र में वक्ताओं ने मीडिया के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे टीबी से संबंधित सरकारी योजनाओं को विस्तार से प्रकाशित करें और जनता, विशेष रूप से हाशिए पर पड़े लोगों के लिए इन योजनाओं के लाभों को उजागर करें। मीडिया इन योजनाओं के कार्यान्वयन और लाभों में अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है।
कार्यक्रम के अंत मे डॉ वर्षा राय राज्य क्षय अधिकारी के द्वारा धन्यवाद दिया गया एवं कार्यक्रम का संचालन RJ अनादि के द्वारा किया गया I